आपने बहुत सारी ऐसी पोस्ट पढ़ी होगी जिसमें बहुत बार कुछ लिखा हुआ होता है और उस पर हम जैसे क्लिक करते हैं तो हमें कोई दूसरा पेज ओपन होकर मिलता है दरअसल जिस वर्ल्ड पर हमने क्लिक किया था वह एक लिंकिंग कीवर्ड था जिस पर क्लिक करने के बाद में एक विशेष प्रकार की url खुलती है। इस तरीके की linking दो प्रकार की होती हैं:
- Internal Linking
- External Linking
Internal Linking
जब हम पोस्ट लिखते हैं और किसी शब्द को सिलेक्ट करके या किसी वाक्य को सेलेक्ट कर उसमें लिंक लगाते हैं ताकि उस पर जो भी कोई क्लिक करें तो वह लिंक खुल जाए, तो डाली गई लिंक उसी वेबसाइट की किसी न किसी post या page की हो जिस वेबसाइट में वह पोस्ट डाली जा रही है तो इस तरीके की लिंकिंग इंटरनल लिंकिंग होती है।
External Linking
जब हम कोई पोस्ट लिखते हैं और किसी शब्द या वाक्य को लिंक लगाकर एक बटन की तरह बनाते हैं जिससे क्लिक करने पर वह लिंक खुल जाए तो वहां पर डाली गई लिंक एक किसी दूसरी वेबसाइट की हो तो external linking होती है।
अगर आप चाहते हो कि आपका ब्लॉग या वेबसाइट जल्दी rank करें तो एक्सटर्नल लिंकिंग ओर इंटरनल लिंकिंग जरूर करें लेकिन एक लिमिट में एक्सटर्नल लिंकिंग करते समय ध्यान रखें कि कुछ ऐसी वेबसाइट को ही लिंक करें जो आपकी कैटेगरी की हो और आपसे ज्यादा google में ranked हो।
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